MA Political Science कोर्स : एमए राजनीति विज्ञान कोर्स या मास्टर ऑफ आर्ट्स इन पॉलिटिकल साइंस भारत में 2 साल का ग्रेजुएशन कोर्स है। यह कोर्स छात्रों को भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय राजनीति का विशेष ज्ञान प्रदान करता है। यह उन छात्रों द्वारा किया जा सकता है जो शासन और राजनीति के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं।
भारत में एमए राजनीति विज्ञान कोर्स के लिए कुछ लोकप्रिय कॉलेज जैसे हिंदू कॉलेज, लेडी श्री राम कॉलेज फॉर विमेन, गार्गी कॉलेज आदि है जहां से आप प्रवेश परीक्षा के माध्यम से इस कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं। हालांकि, कुछ कॉलेज जैसे प्रेसीडेंसी कॉलेज, चेन्नई छात्रों को योग्यता-आधारित एडमिशन प्रदान करते हैं।
डिग्री | ग्रेजुएशन |
कोर्स | एमए राजनीति विज्ञान |
कोर्स का पूरा नाम | मास्टर ऑफ़ आर्ट्स इन पॉलिटिकल साइंस |
अवधि | 2 वर्ष |
योग्यता | ग्रेजुएशन |
आयु | कोई आयु सीमा नहीं |
एडमिशन का तरीका | मेरिट / प्रवेश परीक्षा |
कोर्स फीस | 30,000 से 1,00,000 रुपये |
औसत वेतन | 3 से 6 लाख प्रति वर्ष |
नौकरी क्षेत्र | शिक्षा, जर्नलिज्म, कम्युनिकेशन, जनसंपर्क, राजनीति आदि |
नौकरी प्रोफाइल | अध्यापक, कंटेंट राइटर, राजनीतिक सलाहकार आदि |
भारत के विभिन्न सरकारी एंव प्राइवेट कॉलेजो एंव विश्वविधालयों में मेरिट या प्रवेश परीक्षा के आधार पर 30,000 से 1,00,000 रुपये में समस्त कोर्स को किया जा सकता है। हालांकि प्रत्येक संस्थान की फीस एक दुसरे से अलग होती है और सरकारी संस्थान से इसे प्राइवेट संस्थान की तुलना में कम फीस के साथ किया जा सकता है।
एमए राजनीति विज्ञान कोर्स क्या है?
एमए राजनीति विज्ञान कोर्स 2 साल का है जिसे 4 सेमेस्टर में विभाजित किया गया है। राजनीति विज्ञान में मास्टर एक शासन के विभिन्न पहलुओं जैसे कि राजनीतिक सिद्धांत, राजनीति, अंतर्राष्ट्रीय कानून, राजनीतिक दर्शन, शासन आदि पर केंद्रित है।
एमए राजनीति विज्ञान में छात्रों को भारतीय शासन, भारतीय राज्य व्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय संबंध आदि के बारे में विस्तारपूर्वक सिखाया जाता है और राजनीति में विशेषज्ञता रखने वाले उम्मीदवार देश की राजनीतिक व्यवस्था में करियर बना सकते हैं।
यह कोर्स छात्रों को नागरिक अधिकारों और कर्तव्यों की समझ देते हुए किसी के देश के शासन और प्रशासनिक प्रणाली को समझने का अवसर प्रदान करता है। साथ ही ये कोर्स पूरे भारत और दुनिया भर में विभिन्न राजनीतिक प्रथाओं का गहन ज्ञान प्रदान करता है।
मास्टर्स की पढ़ाई के बाद, छात्र MPhil और PhD की ओर बढ़ सकते हैं या MA Political Science के बाद, छात्र MPhil और PhD की पढ़ाई कर सकते हैं। प्रिफर्ड MA Political Science नौकरियों में शामिल हैं: राजनीतिक सलाहकार, शैक्षिक, क्रियाशीलता, राजनीतिक सामग्री लेखक, आदि। इस डिग्री के साथ छात्र अकेडमिया, पत्रकारिता, कम्युनिकेशन, सार्वजनिक संबंधों आदि के क्षेत्र में औसत वेतन 4-8 लाख प्रति वर्ष कमा सकते हैं।
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हिंदी कोर्स क्यों करना चाहिए?
एमए राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री एक सम्मानजनक करियर की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। राजनीति विज्ञान में एमए की डिग्री हासिल करने के कई फायदे हैं जो इस प्रकार है:
एमए राजनीति विज्ञान की डिग्री आपकी राइटिंग स्किल्स, डेटा कौशल, कम्युनिकेशन एंव एनालिटिकल थिंकिंग के साथ-साथ एक राजनीति विज्ञान का को विस्तृत रूप में समझने में मदद करती है।
यह कोर्स छात्रों को इतिहास और करंट अफेयर्स दोनों के ज्ञान द्वारा निर्देशित, स्वतंत्र निर्णय लेने के लिए तैयार करता है। एमए राजनीति विज्ञान ग्रेजुएट्स जर्नलिज्म, शिक्षा, परामर्श, कानून, मतदान, संचार आदि क्षेत्रो में अपने करियर की शुरुआत कर सकते है। इसका पाठ्यक्रम चुनावी राजनीति, सार्वजनिक नीति और सामुदायिक भागीदारी की तैयारी में अहम सबक सिखाता है।
एमए राजनीति विज्ञान की डिग्री में एक व्यक्ति को देश के राजनीतिक क्षेत्र में एक सार्वजनिक व्यक्ति बनाने की क्षमता होती है, इसलिए बहुत से राजनेता राजनीति विज्ञान ग्रेजुएट्स को राजनीतिक सलाहकार के रूप में नियुक्त करते है।
MA Political Science कोर्स के Types
एमए राजनीति विज्ञान कोर्स को भारतीय विश्वविद्यालय रेगुलर, डिस्टेंस एवं ऑनलाइन मोड में करने की सुविधा प्रदान करते है जिसकी विस्तारपूर्वक जानकारी आपको नीचे दी गयी है:
एमए राजनीति विज्ञान रेगुलर एजुकेशन : भारत में उम्मीवार अधिकतम विश्वविद्यालय एंव कॉलेजो की मदद से रेगुलर मोड़ में एमए राजनीति विज्ञान कोर्स की पढ़ाई कर सकते है रेगुलर कोर्स में कोई भी उम्मीदवार ग्रेजुएशन डिग्री प्राप्त के बाद कर सकता है। इसमे उम्मीदवार संस्थान के अनुसार मेरिट या प्रवेश परीक्षा के माध्यम से एडमिशन ले सकते है।
एमए राजनीति विज्ञान डिस्टेंस एजुकेशन : डिस्टेंस मोड एक ऐसा लर्निंग मोड है जिसकी मदद से उम्मीदवार अपनी नौकरी या व्यवसाय के साथ पढ़ाई जारी पूरी सकते है। डिस्टेंस एमए राजनीति विज्ञान कोर्स को भारत के विभिन्न संस्थानो के माध्यम से 12वी कक्षा के बाद किया जा सकता है। डिस्टेंस एमए राजनीति विज्ञान को 20,000 से 70,000 रुपये में पूरा कर सकते है।
एमए राजनीति विज्ञान ऑनलाइन एजुकेशन : ऑनलाइन मोड एक ऐसा लर्निंग मोड में जिसमें छात्रों को ऑनलाइन क्लासेस, रिकार्डेड लेक्चर, डिजिटल लाइब्रेरी, ई – लर्निंग पोर्टल एंव ऑनलाइन असाइनमेंट आदि के माध्यम से पढ़ाया जाता है। इच्छुक उम्मीदवार इस कोर्स को ऑनलाइन मोड में ग्रेजुएशन के बाद 30,000 से 80,000 रुपये में पूरा कर सकते है।
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MA Political Science कोर्स : न्यूनतम योग्यता
क्या मैं राजनीति विज्ञान में एमए कर सकता हूं? वह छात्र एवं वर्किंग प्रोफेशनल्स जो एमए राजनीति विज्ञान कोर्स में एडमिशन लेने की इच्छा रखते है उन्हें पहले नीचे दिए गए योग्यता मापदंडो को पूरा करना होगा:
- उम्मीदवार ने किसी मान्य विश्वविद्यालय से किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की होनी चाहिए।
- एमए राजनीति विज्ञान कोर्स को अक्सर बीए कोर्स के बाद किया जाता है हालांकि आप किसी भी ग्रेजुएशन डिग्री को पूरा करने के बाद इस कोर्स में एडमिशन ले सकते है।
- कुछ विश्वविद्यालय एंव कॉलेज इस कोर्स में एडमिशन के लिए ग्रेजुएशन स्तर पर न्यूनतम 40% अंकों की मांग करते हैं। जबकि आरक्षित छात्रों को न्यूनतम अंको में 5% की छूट दी जाती है।
MA Political Science कोर्स : एडमिशन प्रक्रिया
एमए राजनीति विज्ञान कोर्स में एडमिशन प्रक्रिया आमतौर पर लेडी श्री राम कॉलेज फॉर विमेन, दिल्ली, सेंट जेवियर्स कॉलेज, कोलकाता, आदि कॉलेज में विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं में से किसी एक में प्राप्त अंकों के आधार पर एडमिशन लिया जाता है। हालांकि, प्रेसीडेंसी कॉलेज, चेन्नई जैसे कॉलेज में ग्रेजुएशन स्तर पर प्राप्त अंकों के आधार पर एडमिशन की प्रक्रिया अपनाई जाती है।
प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद, कुछ विश्वविद्यालयों में एक व्यक्तिगत स्क्रीनिंग प्रक्रिया होती है जिससे उम्मीदवारों को गुजरना होता है।
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एमए राजनीति विज्ञान कोर्स के भविष्य में अवसर
क्या राजनीति विज्ञान में एमए के बाद नौकरी मिल सकती है? जी हाँ, एमए राजनीति विज्ञान डिग्री के साथ उम्मीदवार शिक्षा, जर्नलिज्म, कम्युनिकेशन, जनसंपर्क आदि जैसे क्षेत्रों में लगभग 4 से 8 लाख रुपये प्रतिवर्ष के औसत वेतन की उम्मीद कर सकते हैं। इसके अलावा इस डिग्री के साथ ग्रेजुएट्स लोक सेवा क्षेत्र में सरकारी नौकरियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं में भी भाग ले सकते है।
अगर कोई उम्मीदवार नौकरी करने के बजाय छात्र आगे की पढ़ाई के लिए भी जा सकते हैं। उस मामले में, राजनीति विज्ञान में एमफिल और पीएचडी दो सबसे आम कोर्स हैं जिन्हें पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स करने के बाद किया जा सकता है।