BAF Course Details in Hindi : बीएएफ कोर्स का पूरा नाम बैचलर ऑफ़ एकाउंटिंग & फाइनेंस है, ये 3 वर्ष का एक ग्रेजुएशन कोर्स है जिसमें एकाउंटिंग, फाइनेंस, टैक्सेशन, ऑडिटिंग, रिस्क मैनेजमेंट और बीकॉम कोर्स के विभिन्न विषयों को पढ़ाया जाता है। वह उम्मीदवार जो एकाउंटिंग एंव फाइनेंस के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहता है वह इस कोर्स को कर सकते है।
बीएएफ कोर्स 12वी के बाद किया जाने वाले लोकप्रिय कोर्सेज में से एक है यह उन छात्रों की पहली पसंद है जो एकाउंटिंग और फाइनेंस को विस्तार से समझना चाहते है।
BAF Course Details in Hindi
बीएएफ एकाउंटिंग और फाइनेंस के क्षेत्र में तीन वर्षीय ग्रेजुएशन कोर्स है, यह कोर्स पूरा करने के बाद उम्मीदवार आसानी से फाइनेंस के क्षेत्र में विभिन्न कंपनियों में नौकरी पा सकते है। बीएएफ कोर्स पूरा करने के बाद उम्मीदवार फाइनेंसियल एनालिस्ट, अकाउंटेंट, सिक्योरिटी एनालिस्ट आदि के रूप में अपने करियर की शुरुआत कर सकते है।
एक फ्रेशर के रूप में बीएफ कोर्स पूरा करने के बाद उम्मीदवार 3 से 8 लाख रुपये प्रतिवर्ष की नौकरी आसानी से सकता है। बीएफ डिग्री उन उम्मीदबारो के लिए सबसे बेहतर विकल्प है 12वी के बाद फाइनेंसियल क्षेत्र में नौकरी पाना चाहते है। ऐसा देखा गया है कि बीकॉम करने वाले छात्रों की तुलना में बीएफ कोर्स वाले छात्रों को जल्दी नौकरी मिल जाती है।
बीएएफ कोर्स की जानकारी
डिग्री | ग्रेजुएशन |
कोर्स का पूरा नाम | बैचलर ऑफ़ एकाउंटिंग & फाइनेंस |
अवधि | 3 वर्ष |
योग्यता | किसी भी स्ट्रीम में 10+2 होना चाहिए। |
आयु | न्यूनतम 17 वर्ष |
प्रवेश का तरीका | मेरिट और प्रवेश परीक्षा के आधार पर |
कोर्स फीस | 20,000 से 1,50,000 प्रति वर्ष |
औसत वेतन | 3 से 8 लाख प्रति बर्ष |
बीएएफ कोर्स क्यों करना चाहिए?
यहां कुछ महत्त्वपूर्ण विन्दु दिए गए है जिन्हे पढ़ने के बाद आप बेहतर समझ पायेंगे, कि आपको बीएएफ कोर्स क्यों करना चाहिए:
- वह उम्मीदवार जो फाइनेंस, अकाउंटेंट, टैक्स आदि में रूचि रखते है, उनके लिए बीएएफ कोर्स सबसे बेहतर विकल्प है।
- वह उम्मीदवार जो 12वी के बाद फाइनेंस के क्षेत्र में नौकरी करना चाहते है उनके लिए भी ये एक अच्छा विकल्प है।
- अगर कोई उम्मीदवार फाइनेंस एंव एकाउंटिंग में मास्टर करना चाहता है तो वह बीएएफ कोर्स पूरा करना के बाद, एमकॉम, एमबीए फाइनेंस आदि कोर्स कर सकता है।
- 3 वर्ष का ये ग्रेजुएशन कोर्स पूरा करने के बाद आप फाइनेंस और एकाउंटिंग से जुडी से समस्याओं को सुलझाने में सक्षम हो जायेंगे।
- बीएएफ ग्रेजुएट्स के लिए मार्केट में बहुत से नौकरी के अवसर है जहां वह 3 से 8 लाख रुपये प्रतिवर्ष की नौकरी आसानी पा सकते है।
ये भी पढ़े : बीएससी के बाद क्या करे?
बीएएफ कोर्स के लिए योग्यता
बैचलर ऑफ़ एकाउंटिंग & फाइनेंस कोर्स में एडमिशन के लिए निम्न योग्यता होना आवश्यक है, जो इस प्रकार है:
- कोई भी उम्मीदवार जिसने भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से विज्ञान, मानविकी, कॉमर्स या अन्य किसी स्ट्रीम में 12वी पास कर लिया है तो वह बीएएफ कोर्स में एडमिशन के योग्य है।
- बैचलर ऑफ़ एकाउंटिंग & फाइनेंस कोर्स में एडमिशन के लिए उम्मीदवार ने 12वी न्यूनतम 50% अंको के साथ पास की होनी चाहिए।
- भारत में बहुत से कॉलेज है जो इस कोर्स को करने की सुविधा देते है, जिनमें अधिकतम कॉलेज आपके 12वी में प्राप्त अंको के आधार पर मेरिट के अनुसार एडमिशन की प्रक्रिया अपनाते है, जबकि कुछ कॉलेज या विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन की प्रक्रिया अपनाते है जिसमें प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ही एडमिशन संभव है।
बीएएफ कोर्स फीस
भारत में बैचलर ऑफ़ एकाउंटिंग & फाइनेंस की कोर्स फीस 20,000 से 1,50,000 रुपये प्रतिवर्ष के बीच रहती है, कोर्स की फीस पूरी तरह से विश्वविद्यालय या कॉलेज पर निर्भर करती है जहां सरकारी कॉलेज या विश्वविद्यालय की फीस प्राइवेट कॉलेज या विश्वविद्यालय की तुलना में कम रहती है।
अगर आप भारत के किसी कॉलेज में एडमिशन लेने का विचार कर रहे है तो पहले कॉलेज या विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर फीस और एडमिशन प्रक्रिया आदि की जानकारी प्राप्त करले।
बीएएफ पाठ्यक्रम
बीएएफ में कितने सब्जेक्ट होते हैं? बीएएफ तीन वर्षीय ग्रेजुएशन प्रोग्राम है जिसमें 6 सेमेस्टर होते है, जो छात्रों को एकाउंटिंग एंव फाइनेंस से संवधित विभिन्न टॉपिक के बारे में अवगत कराते है।
यहां आपको कुछ टॉपिक दिए गए है जो आपको बीएएफ कोर्स में पढ़ने को मिलेंगे:
प्रथम वर्ष : फाइनेंसियल एकाउंटिंग, कॉस्ट एकाउंटिंग, बिज़नेस कम्युनिकाशन, ऑडिटिंग, फाइनेंसियल मैनेजमेंट, टैक्सेशन और बिज़नेस लॉ आदि।
द्रितीय वर्ष : फाइनेंसियल एकाउंटिंग, कॉस्ट एकाउंटिंग, मैनेजमेंट एकाउंटिंग, टेक्स, अर्थव्यस्था, बिज़नेस लॉ, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी आदि।
तृतीय वर्ष : तीसरे वर्ष में भी ऊपर दिए गए विषय शामिल होते है, जिन्हे एडवांस स्तर पर पढ़ाया जाता है।
ये भी पढ़े : बीबीए के बाद क्या करे?
बीएएफ एडमिशन प्रक्रिया
कॉलेज एंव विश्वविद्यालय के आधार पर प्रत्येक की एडमिशन प्रक्रिया अलग – अलग होती है। जिसमें से भारत के अधिकतम कॉलेज मेरिट के आधार पर एडमिशन की अनुमति देते है जबकि कुछ कॉलेज या विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा में किए गए प्रदर्शन के आधार पर एडमिशन की अनुमति देते है।
मेरिट के आधार पर : वह कॉलेज या विश्वविद्यालय जो मेरिट या सीधे एडमिशन की प्रक्रिया अपनाते है, उनमें योग्य उम्मीदवार आवेदन कर सकते है। जिसके बाद आपके 12वी के अंको के आधार पर मेरिट के अनुसार एडमिशन किया जाता है। मेरिट में स्थान प्रपात करने के बाद उम्मीदवार को काउंसलिंग के लिए बुलाया जाता है जिसमें छात्र को एडमिशन फीस, कोर्स फीस और साथ सभी आवश्यक दस्ताबेज जमा करने होते है। ‘
प्रवेश परीक्षा के आधार पर : अगर आप भारत के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से बीएएफ कोर्स करना चाहता है तो पहले आपको राष्ट्रीय, राज्य या विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा में भाग लेना होगा। भारत में कुछ प्रवेश परीक्षा है जो आपको बीएएफ कोर्स में एडमिशन की अनुमति देते है, जिनमें आईपीयू सेट, वीईई, एनपीएटी, एलपीयू नेस्ट, सेट आदि परीक्षा शामिल है।
बीएएफ प्रवेश परीक्षा
यहां आपको कुछ प्रवेश परीक्षाों की जानकारी दी गयी है जो विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित की जाती है। इन प्रवेश परीक्षाओ में शामिल होकर आप बीएएफ कोर्स में एडमिशन ले सकते है:
आईपीयू सेट : यह एक विश्वविद्यालय स्तरीय प्रवेश परीक्षा है जो बीएएफ एंव अन्य कोर्स में एडमिशन के लिए इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित की जाती है।
वीईई : प्रत्येक वर्ष विभिन्न यूजी एंव पीजी कोर्सेस में एडमिशन के लिए वेल्स विश्वविद्यालय द्वारा वीईई प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है। विश्वविद्यालय के यूजी कोर्सेस में बीएफ कोर्स भी शामिल है।
एनपीएटी : एनपीएटी प्रवेश परीक्षा नरसी मोंजी इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट स्टडीज द्वारा बीबीए, बीएससी (फाइनेंस), बीकॉम, बीएएफ और बीबीएम आदि कोर्स में एडमिशन के लिए आयोजित की जाती है।
एलपीयू नेस्ट : यह एक नेशनल एंट्रेंस एंव स्कॉलरशिप टेस्ट है जो लवली प्रोफेशनल विश्वविद्यालय द्वारा 150 से अधिक कोर्सेस में एडमिशन के लिए आयोजित किया जाता है। ये प्रवेश परीक्षा ऑनलाइन आयोजित की जाती है और छात्रों इस प्रवेश परीक्षा में किए गए प्रदर्शन के आधार पर उन्हें स्कॉलरशिप प्रदान की जाती है।
सेट : यह सिम्बायोसिस विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रवेश परीक्षा है जो विभिन्न यूजी एंव पीजी कोर्सेस में एडमिशन के लिए आयोजित की जाती है। यह प्रवेश परीक्षा भी ऑनलाइन आयोजित की जाती है।
बीएएफ कोर्स में नौकरी के अवसर
एक बीएएफ ग्रेजुएट विभिन्न कंपनियों में नौकरी के लिए आवेदन कर सकता है क्योंकि कोर्स के दौरान बीएएफ छात्रों को एकाउंटिंग एंव फाइनेंस के बारे में विस्तार से सिखाया जाता है और लगभग सभी कंपनियों में अकाउंटेंट, फाइनेंसियल एनालिस्ट आदि की आवश्यकता होती है।
बीएएफ कोर्स पूरा करने के बाद एक फ्रेशर के रूप में आप 3 से 8 लाख रुपये तक का वेतन पा सकते है, आपका वेतन पूरी तरह से आपकी स्किल्स और कंपनी पर निर्भर करता है।
नौकरी प्रोफाइल | औसत वेतन |
टैक्स पॉलिसी एनालिस्ट | 3 से 4.3 लाख रुपये प्रति वर्ष |
सेल्स एंड मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव | 3 से 7.96 लाख रुपये प्रति वर्ष |
रेवेनुए एजेंट | 4 से 5 लाख रुपये प्रति वर्ष |
लीड बिज़नेस एनालिस्ट | 3.5 से 7.2 लाख रुपये प्रति बर्ष |
फाइनेंसियल एनालिस्ट | 4 से 6 लाख रुपये प्रति बर्ष |
अकाउंटेंट | 3 से 3.8 लाख रुपये प्रति बर्ष |
FAQs
प्रश्न: BAF कोर्स क्या है?
उत्तर: BAF एक ग्रेजुएशन स्तरीय फाइनेंसियल मैनेजमेंट कोर्स है, जो फाइनेंसियल मैनेजमेंट के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करता है।
प्रश्न: BAF कोर्स के लिए पात्रता मानदंड क्या हैं?
उत्तर: BAF कोर्स के लिए न्यूनतम योग्यता के रूप में, आपको 10+2 पास होना आवश्यक है।
प्रश्न: BAF कोर्स की अवधि क्या होती है?
उत्तर: BAF कोर्स की अवधि आम तौर पर 3 वर्ष होती है, जिसमें फाइनेंसियल मैनेजमेंट से संबंधित विषयों का अध्ययन किया जाता है।
प्रश्न: BAF कोर्स के बाद करियर विकल्प क्या हैं?
उत्तर: BAF कोर्स के बाद आप विभिन्न फाइनेंसियल क्षेत्रों में करियर बना सकते हैं, जैसे कि फाइनेंसियल सलाहकार, एकाउंटिंग सहायक, बैंकिंग विशेषज्ञ, ब्रोकर, वित्तीय नियंत्रण, आदि।
प्रश्न: BAF कोर्स का प्रैक्टिकल महत्व क्या है?
उत्तर: BAF कोर्स में प्रैक्टिकल अहमियत है क्योंकि यह छात्रों को फाइनेंसियल ज्ञान को वास्तविक दुनिया के साथ जोड़ने में मदद करता है और उन्हें व्यवसायिक दक्षता प्राप्त करने में सहायता करता है।