MSc Course Details in Hindi : एमएससी कोर्स का पूरा नाम मास्टर ऑफ़ साइंस है ये 2 साल की पोस्टग्रेजुएशन डिग्री है जो छात्रों को विज्ञान के विभिन्न विषयों जैसे भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित, नर्सिंग और फार्मेसी आदि के बारे में विस्तारपूर्वक समझाती है। एमएससी डिग्री छात्रों को उनके क्षैत्र में थ्योरी और प्रैक्टिकल ज्ञान उपलब्ध कराती है।
पूरे देश में बहुत से कॉलेज और विश्वविद्यालय एमएससी कोर्स को पूरा कराते है। एमएससी डिग्री उन छात्रों के लिए सबसे सही है जो भविष्य में डॉक्टरेट या अनुसंधान के काम की योजना बना रहे है। एमएससी डिग्री एक विशेष विषय में छात्रों को गहरी समझ विकसित करने में मदद करती है, जिससे कि वह अपने भविष्य को नौकरी के लिए तैयार कर सके।
Msc Course Details in Hindi
एमएससी कोर्स क्या होता है? मास्टर ऑफ़ साइंस कोर्स 2 बर्षो का है जिसमें 4 सेमेस्टर होते है। जिन छात्रों ने किसी भी मान्यता प्राप्त कॉलेज से बीएससी ग्रेजुएशन किया है वह एमएससी कोर्स में प्रवेश ले सकते है। एमएससी प्रोग्राम गणितीय, वैज्ञानिक और संख्यात्मक रिसर्च आदि विषयों पर ध्यान केंद्रित करता है।
एक विशेष विषय में एमएससी की डिग्री छात्रों को गुणवत्तापूर्ण कार्य वातावरण में काम करने की अनुमति देती है। एमएससी डिग्री धारक केमिस्ट, फाइनेंसियल एनालिस्ट, क्लीनिकल मनोवैज्ञानिक और सांख्यिकी के रुप में कार्य कर सकता है।
एमएससी पेशेवर की एक विशेष क्षेत्र में औसत सैलरी 7 से 11 लाख रुपये प्रति वर्ष रहती है।
एमएससी कोर्स की जानकारी
एमएससी का पूरा नाम | मास्टर ऑफ़ साइंस |
डिग्री | पोस्ट ग्रेजुएशन |
कोर्स अवधि | 2 वर्ष |
योग्यता | ग्रेजुएशन में विज्ञान डिग्री |
आयु सीमा | कोई आयु सीमा नहीं |
एमएससी फीस | 30,000 से 50,000 रुपये प्रति वर्ष |
एमएससी वेतन | 7 से 11 लाख प्रति बर्ष |
एमएससी नौकरी | वैज्ञानिक, रिसर्च एसोसिएट, प्रोफेसर लैब आदि |
MSc Course Details in Hindi : योग्यता
यदि कोई उम्मीदवार एमएससी कोर्स में एडमिशन लेना चाहता है तो उसे निम्न योग्यता मापदंड को पूरा करना होगा।
- एमएससी डिग्री प्रोग्राम में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार का किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से विज्ञान वर्ग में स्नातक की डिग्री होना आवश्यक है।
- एमएससी डिग्री प्रोग्राम में एडमिशन लेने के लिए न्युनतम प्रतिशत विश्वविद्यालय और कॉलेज पर निर्भर करती है।
- अधिकतम कॉलेजो में स्नातक स्तर पर 50 से 60% अंक की मांग की जाती है। इसके अलावा एमएससी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए कोई भी आयु सीमा नहीं है।
एमएससी कोर्स किसे करना चाहिए?
- कोई भी छात्र जिसने अपना ग्रेजुएशन विज्ञान विषयों के साथ किया है और वह आगे भी विज्ञान विषय ले साथ पढ़ना चाहता है, वह छात्र एमएससी कोर्स ले सकता है।
- वह उम्मीदवार जो मिनिस्ट्री ऑफ़ साइंस & टेक्नोलॉजी से जुड़ना चाहता है और इस सेक्टर में एक अच्छी पद पर पहुंचना चाहता है उसे एमएससी अवश्य करनी चाहिए।
- वह उम्मीद जो वैज्ञानिक, लैब तकनीशियन, जूनियर वैज्ञानिक आदि बनना चाहता है उसे अवश्य ही यह कोर्स करना चाहिए। इसके अलावा वह उम्मीदवार भी एमएससी कोर्स कर सकते है जो किसी कॉलेज या विश्वविद्यालय में एक अध्यापक या प्रोफेसर के रूप में काम करना चाहते है।
ये भी पढ़े : एमएससी के बाद क्या करें?
MSc Course Details in Hindi : कोर्स के Types
छात्र अब विभिन्न तरह से अपने एमएससी कोर्स की पढ़ाई पूरी कर सकते है, आमतौर पर आप एमएससी की डिग्री फुल-टाइम, डिस्टेंस और ऑनलाइन मोड के माध्यम से पा सकते है। अभी हम प्रत्येक को विस्तारपूर्वक समझते है।
फुल-टाइम एमएससी कोर्स : भारत में अधिकतम कॉलेजो में फुल-टाइम एमएससी कोर्स ही कराये जाते है। एमएससी कोर्स आमतौर पर 2 साल का होता है लेकिन कुछ कॉलेज इसे 4 साल तक भी पूरा कराते है। फुलटाइम कोर्स में आपको कॉलेज लेक्चर और प्रैक्टिकल के माध्यम से कोर्स पूरा कराया जाता है।
डिस्टेंस एमएससी कोर्स : भारत में कुछ कॉलेज और विश्वविद्यालय डिस्टेंस के माध्यम से एमएससी कोर्स कराते है, डिस्टेंस मोड में वह उम्मीद करते है जो किसी भी कारणवश रेगुलर क्लासेस नहीं ले सकते है। एमएससी डिस्टेंस की कोर्स फीस रेगुलर एमएससी कोर्स फीस की तुलना में काफी कम है।
ऑनलाइन एमएससी कोर्स : छात्र एमएससी कोर्स को ऑनलाइन भी पूरा कर सकते है, भारत और विदेश के कुछ विश्वविद्यालय द्वारा ऑनलाइन एमएससी कोर्स की सुविधा दी जाती है। ऑनलाइन मोड के माध्यम से छात्रों की सभी कक्षाएँ और पेपर ऑनलाइन मोड में ही कराई जाती है। ऑनलाइन एमएससी कोर्स भी रेगुलर कोर्स की तरह मान्य है।
MSc Course Details in Hindi : पाठ्यक्रम
एमएससी में कौन कौन से सब्जेक्ट होते हैं? एमएससी कोर्स का पाठ्यक्रम छात्र द्वारा चुने गए स्पेशलाइजेशन पर आधारित होता है। एमएससी कोर्स में कई स्पेशलाइजेशन है, जिनका पाठ्यक्रम उन स्पेशलाइजेशन में शामिल विषयों के आधार पर होता है। एमएससी कोर्स का पाठ्यक्रम मुख्य विषय और वैकल्पिक विषयों में दिया गया होता है।
मुख्य विषय किसी भी स्पेशलाइजेशन में शामिल सभी छात्रों के लिए अनिवार्य होते है, जबकि वैकल्पिक विषयों में छात्र अपने अनुसार एक विशेष विषय का चुनाव कर सकता है। आमतौर पर वैकल्पिक विषय एमएससी कोर्स के अंतिम बर्ष में चुने जाते है। सभी अनिवार्य विषय थ्योरी और प्रैक्टिकल में होते है।
MSc Course Details in Hindi : एडमिशन प्रक्रिया
एमएससी कोर्स में प्रवेश दो तरह से पूरे किए जाते है, मेरिट और प्रवेश परीक्षा के आधार पर।
मेरिट: मेरिट आधारित एडमिशन छात्रों के ग्रेजुएशन में प्राप्त अंको के आधार पर शॉर्टलिस्ट किया जाता है। भारत में ज्यादातर कॉलेजो द्वारा एडमिशन के लिए ये`ही प्रक्रिया अपनायी जाती है।
प्रवेश परीक्षा: भारत के कुछ कॉलेज सीधे मेरिट के आधार पर प्रवेश की प्रक्रिया न अपनाकर प्रवेश परीक्षा की प्रक्रिया अपनाते है। इस प्रक्रिया में उम्मीदवार पहले एमएससी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन करता है फिर इस प्रवेश परीक्षा की मेरिट के आधार पर छात्रों को शॉर्टलिस्ट किया जाता है और फिर काउंसलिंग के माध्यम से एडमिशन की प्रक्रिया पूरी करायी जाती है।
ये भी पढ़े : एमएससी मनोविज्ञान में क्या है नौकरी है अवसर?
एमएससी प्रवेश परीक्षा
एमएससी एडमिशन के लिए राष्ट्रीय, राज्य एंव विश्वविधालय स्तर पर कई प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की जाती है। छात्रों को किसी भी कॉलेज में प्रवेश लेने से पहले विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं के बारे में जानकारी होने चाहिए। जिससे कि यह समझने में आसानी हो कि आपके लिए कौन सी प्रवेश परीक्षा सबसे सही है।
एमएससी में एडमिशन लेने के लिए यहां कुछ लोकप्रिय प्रवेश परीक्षा दी गयी है:
CUET (केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा): सभी प्रमुख केंद्रीय विश्वविद्यालयों में विभिन्न यूजी एंव पीजी कोर्स में एडमिशन के लिए ये राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा है जिसे एनटीए द्वारा आयोजित किया जाता है।
IIT JAM (आईआईटी जैम): भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), जो कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) का हिस्सा है वह एमएससी में एडमिशन के लिए आईआईटी जैम परीक्षा आयोजित करता है। जिनके अधीन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएस्सी), बैंगलोर, और आईआईटी में अन्य यूजी के साथ एकीकृत डॉक्टरेट प्रोग्राम प्रदान किए जाते हैं। आईआईटी जैम एक प्रवेश परीक्षा है जो छात्रों को इन एमएससी आदि कोर्स में एडमिशन के लिए आयोजित की जाती है।
जेएनयूयू : जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा साल में एक वार आयोजित की जाती है और ये एक विश्वविद्यालय स्तर प्रवेश परीक्षा है। यह प्रवेश परीक्षा उन छात्रों के लिए है जो एमएससी कोर्स की डिग्री जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय से करना चाहते है।
बीएचयू पीईट : बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय पोस्ट ग्रेजुएशन प्रवेश परीक्षा, पोस्ट ग्रेजुएशन प्रोग्राम के लिए बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित की जाती है। यह प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन प्रति वर्ष अप्रैल – मई में शुरु होते है।
बीआईटी एसएटी : यह एक राष्ट्रीय स्तर प्रवेश परीक्षा है जो एमएससी कोर्स के साथ विभिन्न कोर्सेस में प्रवेश के लिए बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस द्वारा आयोजित की जाती है।
टीआईएसएस एनईटी : टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल साइंस राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा प्रति वर्ष पोस्ट ग्रेजुएशन प्रोग्राम में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है। यह प्रवेश परीक्षा ऑनलाइन आयोजित की जाती है जिसमे आपको 100 सबालों के जबाव देने के लिए 100 मिनट का समय दिया जाता है।
डीयूईट : दिल्ली विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा, दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न कॉलेजो में एमएससी कोर्स में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है। दिल्ली विश्वविद्यालय से बहुत से कॉलेज संबधित है जिनमे कुछ कॉलेज आपके मेरिट के आधार पर प्रवेश दे देते है जबकि कुछ कॉलेज डीयूईट प्रवेश परीक्षा के आधार पर प्रवेश देते है।
एमएससी कोर्स में नौकरी के अवसर
एमएससी करने के बाद कौन सी नौकरी मिलती है? एमएससी कोर्स पूरा करने के बाद सरकारी एंव प्राइवेट सेक्टर में आप विभिन्न विभाग जैसे मेडिकल लैब, बायोटेक्नोलॉजी कंपनियां, विश्वविद्यालय, रिसर्च, फ़ूड संस्थान आदि में काम कर सकते है। इसके साथ ही उम्मीदवार भारत एंव विदेश की विभिन्न रिसर्च एंव इनोवेशन कंपनियों में आवेदन कर सकते है।
यहां आपको कुछ लोकप्रिय नौकरी प्रोफाइल और उनके औसत वेतन के बारे में जानकारी दी गयी है:
नौकरी प्रोफाइल | औसत वेतन |
रिसर्च अस्सिस्टेंट | 2.8 से 3.3 लाख रुपये प्रति बर्ष |
वैज्ञानिक | 5 से 8.9 लाख रुपये प्रति बर्ष |
लैब तकनीशियन | 2.37 से 4.2 लाख रुपये प्रति बर्ष |
प्रोफेसर | 5.5 से 12 लाख रुपये प्रति बर्ष |
क्षेत्र अधिकारी | 2.84 से 4.2 लाख रुपये प्रति बर्ष |
क्वांटिटेटिव डेवलपर | 6 से 11 लाख रुपये प्रति बर्ष |