BSc Course Details in Hindi : बीएससी 3 वर्षीय ग्रेजुएशन डिग्री हैं जो विभिन्न वर्ग में विज्ञान रिसर्च आधारित शिक्षा पर फोकस करती है, इस कोर्स के माध्यम से आप रिसर्च और डेवलपमेंट की दुनिया में अवसर पा सकते है। बीएससी ग्रेजुएट्स रिसर्च स्कॉलर्स और रिसर्च & डेवलपमेंट विभाग आदि में काम करते है।
BSc Course Details in Hindi
बीएससी कोर्स को बैचलर ऑफ़ साइंस के नाम से भी जाना जाता है। ये कोर्स अधिकतम उन छात्रो के द्वारा किया जाता है जो विज्ञान और रिसर्च के बारे में सीखना चाहते है। बीएससी तीन वर्षीय ग्रेजुएशन डिग्री है जिसमें भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित, जीव विज्ञान और कंप्यूटर विज्ञान आदि विषय शामिल है।
भारत में विभिन्न सरकारी और प्राइवेट कॉलेज है जो छात्रों को बीएससी कोर्स कराते है जैस – दिल्ली विश्वविद्यालय, हैदराबाद विश्वविद्यालय, लोयोला कॉलेज चेन्नई, प्रेसीडेंसी कॉलेज बैंगलोर और आईआईएससी बैंगलोर इत्यादि।
बीएससी कोर्स में एडमिशन मेरिट और प्रवेश परीक्षा के आधार पर किया जाता है, उम्मीदवार को उस कॉलेज या विश्वविद्यालय के लिए आवेदन करना होता है जिसमे वह एडमिशन लेना चाहता है।
बीएससी कोर्स थ्योरी और प्रैक्टिकल क्लासेस को मिलाकर बनाया गया है इस लिए छात्रों को प्रत्येक सेमेस्टर में थ्योरी और प्रैक्टिकल परीक्षा को उत्तीर्ण करना होता है। बीएससी डिग्री में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और गणित मुख्य विषय है। इसके अलावा आप बीएससी डिग्री किसी स्पेशलाइजेशन में भी कर सकते है।
बीएससी का पूरा नाम | बैचलर ऑफ़ साइंस |
डिग्री | ग्रेजुएशन |
कोर्स अवधि | 3 वर्ष |
योग्यता | विज्ञान स्ट्रीम में 50% अंक के साथ 12बी उत्तीर्ण |
आयु सीमा | कोई आयु सीमा नहीं |
बीएससी एडमिशन प्रक्रिया | मेरिट और प्रवेश परीक्षा आधारित |
बीएससी फीस | 10,000 से 2 लाख रुपये प्रति वर्ष |
बीएससी वेतन | 3 से 7 लाख रूपये प्रति वर्ष |
बीएससी प्रवेश परीक्षा | सीयूईट, बीएचयू यूईट, एनपीएटी |
बीएससी नौकरी | वैज्ञानिक, रिसर्च एसोसिएट, प्रोफेसर लैब आदि |
BSc Course Details in Hindi : योग्यता
- उम्मीदवार ने न्यूनतम 50% के साथ विज्ञान वर्ग में 12वी पास किया होना चाहिए।
- उम्मीदवारों को मुख्य विषय के रूप में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित (पीसीएम) या भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान का अध्ययन करना अनिवार्य है।
- बीएससी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए कोई भी आयु सीमा नहीं है, लेकिन कुछ कॉलेज अलग – अलग योग्यता की मांग कर सकते है।
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बीएससी कोर्स क्यों करना चाहिए?
ऐसे बहुत से कारण है जिनकी बजह से आप बीएससी कोर्स के माध्यम से अपने उज्जबल भविष्य की उम्मीद कर सकते है। आपके लिए यहां कुछ कारण दिए गए है कि आपको बीएससी कोर्स क्यों करना चाहिए?
- बीएससी कोर्स में विभिन्न स्पेशलाइजेशन है जिनके माधयम से आप अपने पसंदीदा विषय में बीएससी कर सकते है। इसके अलावा बीएससी कोर्स पूरा करने के बाद आपको बहुत से नौकरी के अवसर मिल जायेंगे।
- अगर हम आर्ट और कॉमर्स वर्ग से तुलना करे तो विज्ञान वर्ग के माध्यम से ग्रेजुएट करने बाले छात्रों का वेतन ज्यादा रहता है।
- बीएससी कोर्स पूरा करने के बाद, आप उसी डोमेन में आगे की पढ़ाई कर सकते है जिस डोमेन में आपने बीएससी कोर्स में पढ़ाई की है। बीएससी के बाद उच्च शिक्षा के लिए एमएससी या पीएचडी कर सकते है।
बीएससी कोर्स किसे करना चाहिए?
कोई भी उम्मीदवार जो बीएससी के लिए योग्यता को पूरा करता है वह भारत में स्थित किसी भी कॉलेज के बीएससी कोर्स में प्रवेश ले सकता है। इसके अलावा कुछ अन्य पहलु भी है कि आप बीएससी कोर्स के लिए सही है।
- कोई भी उम्मीदवार जो विज्ञान और गणित में बहुत रुचि रखता है और आगे भी विज्ञान और गणित की पढ़ाई जारी रखना चाहता है उसके लिए बीएससी सबसे सही कोर्स है।
- वह उम्मीदवार जो भविष्य में वैज्ञानिक प्रोफेशन में अपना भविष्य बनाना चाहते है वह बीएससी कोर्स ले सकते है।
- बीएससी उन उम्मीदवारों के लिए अच्छे वेतन का वादा करता है जो किसी स्पेशलाइजेशन में बीएससी कोर्स को करते है।
बीएससी कोर्स स्पेशलाइजेशन
भारत में रिसर्च और तकनीक के बहुत से क्षेत्र है और अगर आप किसी एक क्षेत्र में महारत हासिल करना चाहते है तो आपको उस विषय में स्पेशलाइजेशन कोर्स करना सबसे सही निर्णय होगा।
शीर्ष बीएससी स्पेशलाइजेशन:
- बीएससी जैव प्रौद्योगिकी
- बीएससी नर्सिंग
- बीएससी कृषि
- बीएससी कंप्यूटर विज्ञान
- बीएससी कीटाणु-विज्ञान
- बीएससी सूचना प्रौद्योगिकी
- बीएससी भौतिक विज्ञान
बीएससी कोर्स के Types
भारत में बीएससी कोर्स की बहुत मांग है क्योंकि बीएससी कोर्स को उम्मीदवार अपनी जीबनशैली के अनुसार फुलटाइम, पार्टटाइम और ऑनलाइन के माध्यम से पढ़ाई पूरी कर सकता है।
फुल-टाइम बीएससी कोर्स
भारत में अधिकतम कॉलेज फुल-टाइम बीएससी कोर्स की सुविधा देते है। फुल-टाइम कोर्स में कॉलेज आपकी पूरी पढ़ाई क्लासरुम लेक्चर, नोट्स, प्रोजेक्ट आदि के माध्यम से अपने कॉलेज कैंपस में पूरा कराते है। वह विश्वविद्यालय जो फुल-टाइम बीएससी कोर्स की सुविधा देते है वह है, दिल्ली विश्वविद्यालय, कलकत्ता विश्वविद्यालय, मिण्डा हाउस और अन्य कॉलेज।
पार्ट-टाइम बीएससी कोर्स
पार्ट-टाइम बीएससी कोर्स को आप अपने समय के अनुसार और अपने घर पर रह कर पूरा कर सकते हैं, विभिन्न कॉलेज फुल-टाइम बीएससी कोर्स के अलावा पार्ट-टाइम बीएससी कोर्स करने की सुविधा भी देते है। इसके साथ ही पार्ट-टाइम बीएससी कोर्स आपको नौकरी के साथ कोर्स पूरा करने की अनुमति देता है। वह विश्वविद्यालय जो पार्ट-टाइम बीएससी कोर्स की सुविधा देते है वह है, इग्नू और जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय आदि
ऑनलाइन बीएससी कोर्स
ऑनलाइन बीएससी कोर्स उन उम्मीदवारों के लिए बनाया गया है जो अपने घर पर रह कर ही इंटरनेट के माध्यम से अपनी क्लासेस और समस्त पढ़ाई जारी रखना चाहते है। ऑनलाइन बीएससी कोर्स की डिग्री भी रेगुलर डिग्री की तरह समस्त भारत में मान्य है। इग्नू और उत्तराखंड मुक्त विश्वविधालय आदि ऑनलाइन क्लासेस के माध्यम से बीएससी कोर्स कराने की अनुमति देते है।
BSc Course Details in Hindi : एडमिशन प्रक्रिया
बीएससी कोर्स में प्रवेश प्रक्रिया दो तरह से पूरी की जाती है, मेरिट और प्रवेश परीक्षा के आधार पर। बीएससी कोर्स में प्रवेश कॉलेज पर निर्भर करता है कि वह बीएससी कोर्स में प्रवेश के लिए मेरिट या प्रवेश परीक्षा में से किस मोड का चुनाव करता है।
मेरिट: भारत में ज्यादातर कॉलेज छात्रों की मेरिट के आधार पर प्रवेश करते है। छात्रों द्वारा आवेदन करने के उपरांत कॉलेज प्रत्येक कोर्स के लिए अलग – अलग कट ऑफ़ जारी करते है और काउंसलिंग के बाद छात्रों का प्रवेश करते है। छात्रों को दस्तावेज सत्यापन और फीस जमा करने के लिए कॉलेज जाना होता है।
प्रवेश परीक्षा: भारत में विभिन्न ऐसे कॉलेज और विश्वविद्यालय है जो प्रवेश परीक्षा के आधार पर प्रवेश प्रक्रिया शुरु करते है। प्रवेश परीक्षा हो जाने के बाद छात्रों को शॉर्टलिस्ट किया जाता है जिसमे कॉउंसलिंग राउंड भी शामिल होता है। यहां आपको कुछ शीर्ष प्रवेश परीक्षा दी गयी है जिनके माध्यम से बीएससी कोर्स में प्रवेश ले सकते है।
BSc Course Details in Hindi : प्रवेश परीक्षा
प्रवेश परीक्षा | विवरण |
बीएचयू यूईटी | विभिन्न अंडरग्रेजुएट कोर्सस में प्रवेश के लिए बनारस हिन्दू विश्वविद्धालय बीएचयू यूईटी प्रेवश परीक्षा आयोजित करती है। |
एनईएसटी | नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस एंड रिसर्च (NISER) और सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन बेसिक साइंस (CEBS) प्रत्येक वर्ष कॉलेज में प्रवेश के लिए द नेशनल एंट्रेंस स्क्रीनिंग टेस्ट (NEST) को आयोजित करता है। |
एएमयू प्रवेश परीक्षा | अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय अपने अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट प्रोग्राम के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करता है। |
जेएनयू प्रवेश परीक्षा | जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय अपने अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट प्रोग्राम के लिए प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रवेश करता है। |
डीयू प्रवेश परीक्षा | दिल्ली विश्वविद्यालय अपने अंडरग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट, एमफिल और पीएचडी कोर्स के लिए डीयूईट प्रवेश परीक्षा आयोजित करता है। |
एनपीएटी | एनपीएटी देश के 23 राज्य और 66 शहरों के डीम्ड विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए एक कंप्यूटर आधारित प्रेवश परीक्षा है। |
सीयूसीईट | सीयूसीईट प्रवेश परीक्षा भारत की 45 केंद्रीय विश्वविद्यालय में अंडरग्रेजुएट कोर्स में प्रेवश के लिए आयोजित किया जाता है। |
उच्च शिक्षा के लिए स्कोप
बीएससी कोर्स का भारत और विदेश में बहुत स्कोप है, वह छात्र जो रिसर्च के क्षेत्र में आगे पढ़ाई करना चाहते है वह एमएससी डिग्री कर सकते है। इसके अलावा ऐसे बीएससी ग्रेजुएट जो अव मैनेजमेंट के क्षेत्र में जाना चाहते है वह एमबीए कोर्स कार सकते है। एमबीए कोर्स आपको व्यापार के बारे में विस्तार से सिखाता है। अभी बीएससी के बाद करने योग्य कुछ उच्च शिक्षा कोर्स देखते है:
बीएससी कोर्स में नौकरी के अवसर
बीएससी के बाद क्या जॉब करें? एक फ्रेशर के रुप में, बीएससी ग्रेजुएट औसत 6 लाख रुपये प्रति वर्ष कमा सकता है। कुछ अलग केस में औसत सैलरी आपकी नौकरी प्रोफाइल, कंपनी और सेक्टर पर निर्भर कर सकती है।
बीएससी कोर्स पूरा करने के बाद सरकारी एजेंसी और साथ ही प्राइवेट कंपनियों में नौकरी की तलाश कर सकते है। बीएससी कोर्स विभिन्न क्षेत्रो में किया जाता है आप अपनी स्पेशलाइजेशन और ज्ञान के अनुसार नौकरी के अवसर पा सकते है।
बीएससी करने से क्या बनते हैं? अपने विषयों के आधार पर, आप विभिन्न सेक्टर जैसे शैक्षिक संस्थान, चिकित्सा, रसायन उधोग, अनुसंधान फर्म, टेस्टिंग, लैब, वाटरवेस्ट प्लांट और तेल उधोग आदि सेक्टर में काम कर सकते है।
नौकरी प्रोफाइल | औसत वेतन |
अनुसंधान वैज्ञानिक | 3 से 6 लाख रुपये प्रति वर्ष |
प्रयोगशाला के तकनीशियन | 2 से 5 लाख रुपये प्रति वर्ष |
अनुसंधान सहायक | 2 से 6 लाख रुपये प्रति वर्ष |
बायोकेमिस्ट | 3 से 6 लाख रुपये प्रति वर्ष |
कंप्यूटर प्रोग्रामर | 2 से 4 लाख रुपये प्रति वर्ष |
खाद्य वैज्ञानिक | 3 से 6 लाख रुपये प्रति वर्ष |
फोरेंसिक पैथोलॉजिस्ट | 4 से 8 लाख रुपये प्रति वर्ष |